चंद्र ग्रहण 2025: भारत में कब दिखेगा अद्भुत ‘ब्लड मून’ और इसे देखने का सही तरीका क्या है?

By Raj
On: Sunday, September 7, 2025 3:52 PM
चंद्र ग्रहण 2025: भारत में कब दिखेगा अद्भुत 'ब्लड मून' और इसे देखने का सही तरीका क्या है?

आपने अक्सर अंतरिक्ष की दुनिया के रहस्यों के बारे में सुना होगा, लेकिन 14 मार्च, 2025 की रात आपको आसमान में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिलेगा जो सचमुच अद्भुत और थोड़ा रहस्यमय होगा। यह है साल 2025 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, जिसे लोग ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जानते हैं। अगर आप खगोल विज्ञान के शौकीन हैं या फिर बस आसमान में टिमटिमाते तारों की दुनिया को निहारना पसंद करते हैं, तो यह खबर सीधे आपके लिए ही है। हम आपको बताएंगे कि यह ग्रहण भारत में कब और कहाँ दिखाई देगा, और सबसे ज़रूरी बात, इसे सुरक्षित तरीके से कैसे देखा जाए।

चंद्र ग्रहण 2025: मुख्य जानकारी

14 मार्च 2025 की रात क्या खास होगा?

14 मार्च 2025 की रात, पृथ्वी सूरज और चाँद के ठीक बीच में आ जाएगी। इस स्थिति में, सूरज की रोशनी सीधे चाँद तक नहीं पहुँच पाएगी और पृथ्वी की छाया चाँद को पूरी तरह से ढक लेगी। इसी खगोलीय घटना को हम पूर्ण चंद्र ग्रहण या Total Lunar Eclipse कहते हैं।

इस दौरान एक चमत्कारिक घटना होती है। सूरज की कुछ किरणें, जो पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती हैं, छनकर और मुड़कर चाँद की सतह पर पड़ती हैं। चूंकि हमारा वायुमंडल नीले रंग को तो बिखेर देता है, लेकिन लाल रंग को गुजरने देता है, इसलिए यही लाल रोशनी चाँद पर पड़ती है और उसे एक गहरे लाल, नारंगी या तांबे जैसे रंग का बना देती है। यही वजह है कि इसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।

भारत में ग्रहण का समय और दृश्यता

अफसोस की बात यह है कि यह खगोलीय घटना भारत से नहीं देखी जा सकेगी। यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ हिस्सों से ही स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।

भारतीय समयानुसार, ग्रहण की शुरुआत 14 मार्च की देर रात 1:09 बजे से होगी और यह 15 मार्च की सुबह 5:24 बजे तक चलेगा। चूंकि इस दौरान भारत में दिन चुका होगा और चाँद आसमान में नहीं होगा, इसलिए यहाँ से इसे देख पाना संभव नहीं होगा।

क्या आप ब्लड मून को सीधे देख सकते हैं?

चंद्र ग्रहण को देखना है पूरी तरह सुरक्षित

यहाँ एक बेहद अच्छी खबर है। सूर्य ग्रहण के विपरीत, चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष चश्मे या उपकरण की जरूरत नहीं होती। इसे आप बिना किसी डर के खुली आँखों से देख सकते हैं। चाँद की रोशनी हमारी आँखों के लिए हानिकारक नहीं होती, चाहे वह पूर्णिमा का चाँद हो या ग्रहण वाला ‘ब्लड मून’।

हालाँकि, अगर आप इस अनुभव को और भी शानदार बनाना चाहते हैं, तो एक छोटी दूरबीन (टेलीस्कोप) या एक अच्छी बायनोक्युलर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप चाँद की सतह पर पड़ने वाले लाल रंग और उसकी बनावट को बहुत ही clear देख पाएंगे। यह नज़ारा वाक्य में आपको हैरान कर देगा।

चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व

विज्ञान और मान्यताओं का दिलचस्प मेल

वैज्ञानिकों के लिए, चंद्र ग्रहण पृथ्वी के वायुमंडल का अध्ययन करने का एक शानदार अवसर होता है। चाँद के रंग से वे वायुमंडल में मौजूद धूल और प्रदूषण के स्तर के बारे में भी जानकारी हासिल करते हैं।

वहीं दूसरी ओर, भारतीय संस्कृति में चंद्र ग्रहण का एक अलग ही महत्व है। कई मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता रहा है और इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है, जैसे कि भोजन न करना या पूजा-पाठ से दूर रहना। हालाँकि, आधुनिक विज्ञान इन बातों से इनकार करता है और इसे एक सामान्य खगोलीय घटना मानता है। आपकी अपनी मान्यताएं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण, दोनों ही इस घटना को और भी रोचक बना देते हैं।

14 मार्च 2025 के चंद्र ग्रहण (ब्लड मून) की पूरी जानकारी। जानें क्या यह भारत में दिखेगा, इसे सुरक्षित देखने का तरीका और अक्सर पूछे जाने वाले सवाल। अगले ग्रहण की तैयारी करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

चंद्र ग्रहण 2025 के बारे में आपके सवाल, हमारे जवाब

1. क्या 2025 का चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा?
नहीं, दुर्भाग्य से 14 मार्च 2025 को होने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत से नहीं देखा जा सकेगा। यह उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा कुछ अन्य क्षेत्रों से दिखाई देगा।

2. ब्लड मून को क्या खुली आँखों से देख सकते हैं?
जी हाँ, बिल्कुल। चंद्र ग्रहण को देखना पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे देखने के लिए किसी विशेष eyewear की जरूरत नहीं होती। आप इसे सीधे अपनी आँखों से देख सकते हैं।

3. अगला चंद्र ग्रहण भारत में कब दिखेगा?
भारत में अगला चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को दिखाई देगा। हालाँकि, वह एक आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) होगा, पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं।

4. चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण में क्या अंतर है?
मुख्य अंतर यह है कि चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूरज और चाँद के बीच आती है, जबकि सूर्य ग्रहण में चाँद, सूरज और पृथ्वी के बीच आ जाता है। सूर्य ग्रहण को कभी भी बिना सुरक्षा उपकरण के नहीं देखना चाहिए, जबकि चंद्र ग्रहण सुरक्षित है।

निष्कर्ष: अगली बार का इंतज़ार

हालाँकि 14 मार्च 2025 का ब्लड मून भारत से दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पास कोई मौका नहीं है। आप NASA जैसे विश्वसनीय स्रोतों की वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इस अद्भुत नज़ारे को देख सकते हैं। साथ ही, 7 सितंबर 2025 के आंशिक चंद्र ग्रहण का इंतज़ार कीजिए, जो भारतीय आसमान में नज़र आएगा।

खगोल विज्ञान की दुनिया बेहद रोमांचक है। ऐसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि हम एक विशाल और अद्भुत ब्रह्मांड का हिस्सा हैं। तो, इस साल सितंबर में आँखें आसमान पर टिकाए रखिएगा!


स्रोत: इस लेख की जानकारी NASA की आधिकारिक वेबसाइट और Timeanddate.com जैसे विश्वसनीय खगोलीय डेटा स्रोतों पर आधारित है।

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